Yog Shastra sangrah योग शास्त्र संग्रह (दस प्रमुख उपनिषद्, ग्यारह योग-उपनिषद्, श्रीमद्भगवतगीता एवं योगवासिष्ठ में वर्णित महत्त्वपूर्ण विषयों का विवेचन)
Product Code: CSG 721
Author: Dr. Indrani Trivedi
ISBN: 9789394829961
Bound: Paper Back
Publishing Date: 2024
Publisher: CHAUKHAMBA SURBHARATI PRAKASHAN
Pages: 378
Language: SANSKRIT TEXT WITH HINDI TRANSLATION
Availability: 7
उपनिषद् में वैदिक ज्ञान का सार निहित है। यह प्रस्थानत्रयी का एक आधारभूत ग्रन्थ है। उपनिषद्, श्रीमद्भगवतगीता एवं ब्रह्मसूत्र ये तीन ग्रंथ प्रस्थानत्रयी कहलाते हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ ‘योग शास्त्र-संग्रह’ में उपनिषद् के ज्ञान को समाहित करने वाले विशेष ग्रन्थों के मुख्य विषयों की सरल व्याख्या निहित है। प्रमुख उपनिषद् दस हैं, जिन पर आचार्य शंकर ने भाष्य किया है, इस ग्रन्थ में उन उपनिषदों के मुख्य बिन्दुओं की सुगम व बोधगम्य व्याख्या दी गयी है। ग्यारह योग उपनिषद् जिनमें योग साधनाओं के गूढ़ रहस्यों का समावेश है, उनसे सम्बन्धित विषयों की क्रमवार व्याख्या दी गयी है, श्रीमद्भगवतगीता योग की स्वयमेव एक अनुपम व श्रेष्ठ कृति है, इसके सभी आवश्यक विषयों का व्याख्या सहित वर्णन इस ग्रन्थ में उपलब्ध है तथा ज्ञानयोग के अमूल्य, सर्वाेत्कृष्ट व विशालतम ग्रन्थ योग वासिष्ठ के आधारभूत विषयों व महत्त्वपूर्ण तथ्यों को सरलार्थ स्वरूप में विवेचित किया गया है। प्रस्तुत ग्रन्थ ‘योग शास्त्र-संग्रह’ में विषयों की अधिक सुस्पष्टता हेतु प्रत्येक ग्रन्थों से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के दो प्रारूप, अति लघुत्तरीय प्रश्न व बहुविकल्पीय प्रश्न का भी संकलन किया गया है जो योग के किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे - NET,YCB व विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के लिए अत्यन्त उपयोगी है। आशा है कि यह ग्रन्थ उन सभी विद्यार्थियों के लिए जो योगविज्ञान के विभिन्न पाठड्ढक्रमों में अध्ययनरत हैं तथा जो वैदिक ज्ञान के प्रति श्रद्धान्वित हैं उनकी जिज्ञासाओं का भी कतिपय समाधान हो सकेगा, जिससे योग जैसे दिव्य विषय में उनका ज्ञानसंवर्द्धन निश्चित ही होगा।
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