Prabandharatnakar (प्रबन्धरत्नाकर:)
Product Code: VSG 140 H
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शास्त्री,आचार्य,बी.ए., एम.ए. आदि परीक्षोपयोगी शताधिक निबन्धों का संग्रह) रचयिता- डॉ. रमेशचन्द्र शुक्ल l (निबन्ध- रचना के लिए भाषा के ऊपर अधिकार जितना अपेक्षित है उतना ही उहापोह के साथ विचार पटुत्व भी l इसलिए आज के पल्लवग्राहि विद्वत्ता के युग मे प्रबन्ध रचना विद्यार्थियों के लिए बहुत कठिन हो जाती है l विद्यार्थियों की सहायता के लिए आवश्यकतानुसार निबन्ध-ग्रन्थ भी सुलभ नहीं है l इस अभाव की पूर्ति के लिए विद्वान् लेखक ने प्रबन्धों का यह संग्रह प्रस्तुत किया है,जिसमे प्राचीन एवं नवीन सुललित भाषा में सभी विषयसम्बन्धी लिखित सौ से ऊपर निबन्ध है l आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि इस ग्रन्थ से सभी उच्च कक्षाओ के परीक्षार्थी विशेष लाभान्वित होंगे l परीक्षार्थियों के लिए यह अद्वितीय पुस्तक है l )
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