Agad Tantra (Text Book of Ayurvedic Toxicology): अगदतन्त्र (विष विज्ञान)
अगदतन्त्र आयुर्वेद की एक महत्त्वपूर्ण शाखा है। यह आयुर्वेद के आठ प्रधान अंगों में से एक हैं। इसमें विष, विष के स्वरूप, विष की उत्पत्ति, विष के भेद; आत्महत्यार्थ, परहत्यार्थ, पशुवध आदि के लिए विष के प्रयोग; विष के सामरिक प्रयोग; तत्कालीन रूप में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के स्थावर एवं जंगम विषों के स्वरूप, लक्षण, निदान तथा चिकित्सा का विस्तार से वर्णन किया गया है। यद्यपि आजदिन अगदतन्त्र पर कोई स्वतन्त्र संहिता उपलब्ध नहीं है, फिर भी आयुर्वेद की बृहत्रयी, लघुत्रयी और बाद के संग्रह-ग्रन्थों में इससे सम्बन्धित प्रचुर सामग्री उपलब्ध है।
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