Abhinav Kaychikitsa अभिनव कायचिकित्सा
Brand: Chaukhamba Surbharti Prakashan, Varanasi
Product Code: CAG 38
Author: Dr. Anantaram Sharma
Bound: Soft Cover
Publishing Date: 2002
Publisher: Chaukhamba Surbharati Prakashan
Pages: 10+540
Language: Hindi
Availability: 4
कायाचिकित्सा आयुर्वेद (अष्टांग आयुर्वेद) की आठ शाखाओं में से एक है जो सामान्य चिकित्सा से संबंधित है। यह अष्टांग आयुर्वेद की पहली शाखा है जो मुख्य रूप से विभिन्न सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के निदान और उपचार से संबंधित है। काया का अर्थ पाचक अग्नि या अग्नि है। आयुर्वेद का मानना है कि हमारे पाचन तंत्र में असंतुलन कई बीमारियों की जड़ है। कायाचिकित्सा (Internal Medicine), जिसमें काया का अर्थ है 'शरीर' और चिकित्सा का अर्थ है 'उपचार'। उपचार में त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) के कारण होने वाले असंतुलन को ठीक करना भी शामिल है। उपचार के इलाज के लिए विशेष चिकित्सा के साथ-साथ आंतरिक और बाहरी दवाओं, विषहरण आदि शामिल है। उपचार मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है। कायाचिकित्सा का उपयोग क्रोनिक बीमारियों के साथ-साथ सामान्य बीमारी दोनों से निपटने के लिए किया जाता है।
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Multoque hoc melius nos veriusque quam Stoici. Si enim ita est, vide ne facinus facias, cum mori suadeas. Sin aliud quid voles, postea. Negat esse eam, inquit, propter se expetendam.
Tags: Dr. Anantaram Sharma, Abhinav Kayachikitsa, अभिनव कायचिकित्सा, Kaychikitsa, Kaya Chikitsa, BAMS Fourth Year