Dva Suparna द्वा सुपर्णा
Brand: Chaukhamba Surbharti Prakashan, Varanasi
Product Code: CSG 479
Author: Ramji Upadhyaya
Bound: Paper back
Publishing Date: 2015
Publisher: Chaukhamba Surbharati Prakashan
Pages: 28+188
Language: Sanskrit & Hindi
Availability: 7
- दो पक्षियों का दृष्टांत. एक ही पेड़ (शरीर) पर रहने वाले दो पक्षियों का दृष्टांत, एक मन-समुच्चय का प्रतिनिधित्व करता है, दूसरा चेतना (सर्वोच्च ब्रह्म) का.
- ओड़िया भाषा के विख्यात साहित्यकार सौभाग्यकुमार मिश्र द्वारा रचित एक कविता–संग्रह. 1986 में उन्हें इस कविता-संग्रह के लिए ओड़िया भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था.
- मुण्डकोपनिषद् का एक श्लोक. इस श्लोक में लिखा है - द्वा सुपर्णा सयुजा सखाया समानं वृक्षं परिषस्वजाते। तयोरन्यः पिप्पलं स्वाद्वत्त्यनश्नन्नन्यो अभिचाकशीति.
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