Batukbhairava Rahasyam बटुकभैरवरहस्यम्
₹200
₹200
₹160
Ex Tax: ₹160
बटुक भैरव, भगवान शिव के अवतार हैं. बटुक भैरव की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है और सभी भौतिक सुख-सुविधाएं मिलती हैं. बटुक भैरव की पूजा करने से ग्रहों के दोष दूर होते हैं और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं.
बटुक भैरव की पूजा-अर्चना किसी भी दिन की जा सकती है लेकिन मंगलवार और रविवार के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व है. ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक, राहु-केतु के प्रकोप से बचने के लिए बटुक भैरव की पूजा-अर्चना करना लाभदायक होता है.
बटुक भैरव एक ऐसा रूप है जिसकी पूजा घर पर भी की जा सकती है. बटुक भैरव, काल भैरव का सबसे सौम्य रूप है. काल भैरव जो कि काल भैरव का उग्र रूप है, की पूजा आपके घर के बाहर मुख्य रूप से श्मशान घाट या काल भैरव मंदिर में की जानी चाहिए.
बटुक भैरव का वर्णन लगभग पाँच वर्ष के एक भयंकर नग्न बालक के रूप में किया गया है, जिसके कई भुजाएँ हैं और उसका एक साथी कुत्ता भी है. कभी-कभी उनकी आठ भुजाएँ होती हैं.
Tags: Ashok Kumar Gaur Shastri, Batukbhairava Rahasyam बटुकभैरवरहस्यम्