Vedarth Sangrah वेदार्थ संग्रह
Brand: Chaukhamba Surbharti Prakashan, Varanasi
Product Code: CSG 655
Author: Jagadguru Ramanujacharya/Swami Dr. Raghavacharya
ISBN: 9788194267536
Bound: Hard Cover
Publishing Date: 2019
Publisher: Chaukhamba Surbharti Prakashan
Pages: 28+518
Language: Hindi
Availability: 3
श्रुतप्रकाशिकाकार
श्री सुदर्शनसूरिप्रणीत-तात्पर्यदीपिकया जगद्गुरूराघवचार्यप्रणीत-
वेदार्थसंग्रहसयानुवादेन तात्पर्यदीपिकया 'विमला'व्याख्या च
संवलित:
श्रीमद
रामानुजाचार्यप्राडीत ग्रंथो मे वेदार्थ संग्रह है| आचार्यश्री ने एक दिन वेंकटाचल पर
वेद्वाक्यो का श्रुतियों- स्मृतियो- पुराणों तथा इतिहासों से मर्यादित अर्थ का
निर्णय करते हुए प्रवचन किया था, वह प्रवचन ही वेदार्थ संग्रह के नाम से प्रख्यात है | इस ग्रंथ मे श्रीरमानुजाचार्य
श्रुतियों का शास्त्रमर्यादित अर्थ करते हुए सर्वप्रथम शांकरमत की विस्तार से
समालोचना करके अपने सिद्धान्त का समर्थ-समर्थन किए है | उसके पश्चात उन्होने
द्वैताद्वैतवादी भास्कराचार्य एवं यादव प्रकाशचार्य के मतो की समालोचना की है| तदनंतर उन्होने मीमांसकों के
अभिमत कर्म के स्वरूपविषयक अनेक मान्यताओ की भी समालोचना की है जो सभी वेदांतियों को
अभिष्ट है। ग्रंथ के अंतिम भाग मे जगत एवं ब्रह्मा मे शरीरात्म भाव संबंध का वेदभिमत
प्रतिपादन करके जीवो के त्रैविद्या, मुक्ति प्राप्ति के
साधन तथा श्री भगवान के स्वरूप का विशद वर्णन , पुरानो सात्विकादि
विभाग , नित्य सुरियों के प्रमादीकता एवं परम पुरुषार्थ के यथार्थ
स्वरूप का निरूपण किया गया है
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