Chanakya Niti Darpan चाणक्यनीति-दर्पण
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इस कृति के वास्तविक लेखक चाणक्य, जिनके नाम पर इस पुस्तक का नाम रखा गया है, मगध देश के राजा चंद्रगुप्त के मंत्रियों में से एक थे, जिसे अब पटना कहा जाता है, जो गंगा के तट पर स्थित है। तब यह एक स्वतंत्र संप्रभुता थी और इस पर गुप्त वंश के राजाओं का शासन था, जिसके पतन के बाद नंद वंश का उत्तराधिकारी हुआ।
जहां होता है मूर्खों और चापलूसों का सम्मान: चाणक्य नीति दर्पण में कहा गया है कि जहां मूर्खों का सम्मान होता है, वहां लक्ष्मी एक पल भी नहीं ठहरती हैं. मूर्ख व्यक्ति की बात पर विश्वास करने वाला हमेशा नुकसान उठाता है. इसलिए यदि लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो मूर्खों और चापलूसी करने वालों की बात पर यकीन न कीजिए
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