Dhvanyaloka ध्वन्यालोकः
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ध्वन्यालोक, आचार्य आनंदवर्धन द्वारा लिखा गया संस्कृत का ग्रंथ है. यह काव्यशास्त्र का ग्रंथ है. ध्वन्यालोक को काव्यालोक, सहृदय-हृदयालोक, और सहृदयालोक भी कहते हैं.
ध्वन्यालोक में पहली बार 'ध्वनि' शब्द का प्रयोग "एक विशेष प्रकार की कविता" के तकनीकी अर्थ में किया गया है. आनंदवर्धन, ध्वनि को काव्य की आत्मा मानते थे. वह इसे सभी काव्य-भाषण का मूल सिद्धांत मानते थे.
ध्वन्यालोक की टीका 'ध्वन्यालोकलोचन' भी है.