Shri Madvalmikiya Ramayan-Katha Set of 2 Vols. श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण-कथा
Brand: Chaukhamba Surbharti Prakashan, Varanasi
Product Code: CSG 402 S
Author: Shivprasad Dwivedi
Bound: Paper Back
Publishing Date: 2006
Publisher: Chaukhamba Surbharati Prakashan
Pages: 890
Language: Sanskrit & Hindi
Availability: 7
रामायण (संस्कृत : रामायणम् = राम + आयणम् ; शाब्दिक अर्थ : 'राम की जीवन-यात्रा'), वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य है जिसमें श्रीराम की गाथा है। इसे आदिकाव्य[1] तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि'[2] भी कहा जाता है। संस्कृत साहित्य परम्परा में रामायण और महाभारत को इतिहास कहा गया है और दोनों सनातन संस्कृति के सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय ग्रन्थ हैं। रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। इसमें कुल लगभग २४,००० श्लोक[ख] हैं। सातवां उत्तरकांड प्रक्षिप्त है, तत्वमार्तंड में भी उत्तरकांड को प्रक्षिप्त माना गया है ।[3] उसके बाद की संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओं के साहित्य पर इस महाकाव्य का बहुत अधिक प्रभाव है तथा रामकथा को लेकर अनेकों 'रामायण' रचे गये।
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